Monday, June 19, 2023

आज की बात



अरुणालय का रंगीन गगन 
और सुबह मे ये ठंडी तपन, 

पारिजात बिछाए श्वेत चादर
उड़ गए सब गम के बादर 

लहरों की कुछ दबी बात
धुल गई सब अश्रु रात

नीलांबर की चंदन सांस
पूर्ण बनी सब अंगीन आस

चित्त उड़े बने पखेऊ 
दृष्टि बिंदु _ पर्वत मेरु।

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