It was evening. The sun was low on the horizon, the sky tinged with gold and pink. Suddenly my eyes caught a movement in the skies. There were a few swallows swooping around, gliding, darting, playing. A few more joined them, and a few more, till they all painted the skies in silent symphony of a thousand choreographed songs - broad brush strokes of tiny dancing dots. I stood and danced to this chorus.
Wednesday, December 11, 2013
Winter
शर्द के धुंधले दीनो में
धुन्धले से ख्वाब
बीते दिनों से झलके
कुछ ठंडी सी आग
चादरों में लिपेटे
कुछ नर्म-गर्म यादें
नझरों की दूरियां
और भूले हुए वादे
ख़ामोश स्वरों से गूँजे
अतीत के कुछ राग
तारों कि चिंगारियां
और यही उम्र भर की रात
चादरों में लिपेटे
कुछ नर्म-गर्म यादें
नझरों की दूरियां
और भूले हुए वादे
ख़ामोश स्वरों से गूँजे
अतीत के कुछ राग
तारों कि चिंगारियां
और यही उम्र भर की रात
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